होली पर मुक्तक |राजेन्द्र वर्मा ‘राज’
प्रेम रंगों का अद्भुत ये त्योहार है,
है खुशी हर जगह दिल में भी प्यार है।
सारे रंगों की मानिंद मिलकर रहें ,
सीख देने को आया ये त्यौहार है।।
– राजेन्द्र वर्मा राज
मन के दुर्गुण हैं जो सब जला दीजिए,
सद्गुणों का चमन इक खिला दीजिए।
एक दूजे से होली में मिलकर गले ,
अपने शिकवे- गिले सब भुला दीजिए।।
– राजेन्द्र वर्मा राज