ख़ारिज करता है पिता / सम्पूर्णानंद मिश्र

ख़ारिज करता है पिता / सम्पूर्णानंद मिश्र नहीं पनपसकता लघु पौधाबरगद की छांव मेंपिताख़ारिज करता हैउक्त कथनक्योंकिस्पष्ट अंतर दिखाई देता हैपिता और बरगद मेंजहां पिताआत्मीयजन कोअपना सिरमौर बनाता हैस्नेह के … Read More

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर कविता | VISHVA HINDI DIWAS PAR KAVITA

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर कविता | VISHVA HINDI DIWAS PAR KAVITA हिंदी से पहचान हमारी,हिंदी हमको प्यारी।जय दे जय हो बोल-बोलकर,चलो बजाएँ तारी।।अँग्रेजों से लड़कर जिसने,दी हमको आजादी।एक नवल पहचान … Read More