अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर कविता | VISHVA HINDI DIWAS PAR KAVITA

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर कविता | VISHVA HINDI DIWAS PAR KAVITA

हिंदी से पहचान हमारी,हिंदी हमको प्यारी।
जय दे जय हो बोल-बोलकर,चलो बजाएँ तारी।।
अँग्रेजों से लड़कर जिसने,दी हमको आजादी।
एक नवल पहचान राष्ट्र के,नाम सौंप दी खादी।।

बने राष्ट्र भाषा यह जिस दिन,विश्व हमें पहचाने।
हिंदी के सम्मुख नत मस्तक,नभ वितान निज ताने।।
अँग्रेजी का मोह त्यागने,से कल्याण हमारा।
भाषा से विकास है संभव,विश्व जानता सारा।।

गोमुख से गंगा ज्यों चलकर,भारत भूमि सजाए।
विश्व मंच पर भारत गौरव,रच-रच हिंदी गाए।।
रामचरितमानस हिंदी में,लिख तुलसी ने गाया।
ज्ञानी-अज्ञानी दोनो को,भव का मार्ग दिखाया।।

साकेत मैथिलीशरण लिखे तो,राष्ट्र चेतना जागी।
पूरा भारत बना राष्ट्र हित,रामचरण।अनुरागी।।
हिंदी संस्कृत की बेटी है,देवनागरी लिखना।
जैसे लिखना वैसे पढ़ना,वैसा ही है दिखना।।

आज दिवस हिंदी का आया,विश्व मंच पर बोलो।
तोड़ो कुछ अंतर्विरोध जो,हिंदी का पथ खोलो।।
एक राष्ट्र भाषा का संबल,भारत जन पहचानो।
विश्व मंच के मानचित्र पर,शुभ वितान निज तानो।।

बाबा कल्पनेश

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