बलिदान कभी वीरों का |प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”

बलिदान कभी वीरों का

सिर ना कभी झुकने देंगे,
अनगिनत बार बस तुझपे मरेंगे,
शान है हमारा,
तू जान है हमारा,
यह तिरंगा हमेशा फहरायेंगे ।
झूम-झूम कर खूब गायेंगे,
झूम कर नाचेंगे,
अम्बर से धरा तक ,
सारी दिशाओं में,
फहराएंगे,
राष्ट्रीय ध्वज,
आजादी का अमृत महोत्सव मनायेंगे,
हर तरफ बस गूंजनी चाहिए
भारत माता की जय,
आवाज में इतनी बुलंदी चाहिए ,
कौंध जाये दुश्मनों के दिल में भय,
वन्देमातरम्, जयहिंद,
भारत माता की जय बोलते चलो ,
अनेकता में एकता का पाठ पढते चलो।
वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना रखो,
जाति-पॉति से ऊपर उठकर ,
शान्ति का संदेश देते चलो ।
अमरगाथा का पाठ
हर बच्चे-बच्चे को पढायेंगे,
बलिदान कभी वीरों का,
व्यर्थ नहीं जाने देंगे ।
अपनी दिव्य संस्कृति की पताका,
पूरे विश्व में लहरायेंगे |

रचना मौलिक,अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है|

प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

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