kahan ho tum – कहाँ हो तुम
कहाँ हो तुम हर पल मेरी आँख ढूंढ़ती रही । जाने कहाँ वो प्यार की मूरत गयी । दूसरों को देख कर सिसकता ही रहा । अपने ग़म सीने में … Read More
कहाँ हो तुम हर पल मेरी आँख ढूंढ़ती रही । जाने कहाँ वो प्यार की मूरत गयी । दूसरों को देख कर सिसकता ही रहा । अपने ग़म सीने में … Read More