Man Kee Vivechana/भारमल गर्ग सांचौर
मन की विवेचना Man Kee Vivechana अनुराग अनुभूति मिला आज आनुषंगिक, निरूपम अद्वितीय शून्यता हुआ! देख अपकर्ष अपरिहार्य के साथ। यदा-कदा अनुकंपा, अनुकृति अहितकर असमयोचित इंद्रियबोध रहित! अक्षम अनभिज्ञ … Read More
मन की विवेचना Man Kee Vivechana अनुराग अनुभूति मिला आज आनुषंगिक, निरूपम अद्वितीय शून्यता हुआ! देख अपकर्ष अपरिहार्य के साथ। यदा-कदा अनुकंपा, अनुकृति अहितकर असमयोचित इंद्रियबोध रहित! अक्षम अनभिज्ञ … Read More