पाँव पखेरू पिया / भारमल गर्ग “साहित्य पंडित”

पाँव पखेरू पिया जब पांवों की पायल करती छन छन शोर सुंदर भाव उकेरती तब होती हैं भोर मन मंदिर में दहकती वह कन्या चितचोर अंखियों से बातें करती दिल … Read More