Anand Singhanpuri Chhattisgarh -biography

 Anand Singhanpuri Chhattisgarh -biography

Anand -Singhanpuri -Chhattisgarh
Anand Singhanpuri Chhattisgarh

 

आनंद सिंघनपुरी का जीवन परिचय 


जन्मरायगढ़(छत्तीसगढ़)

शिक्षा- अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर  से हिंदी साहित्य  में स्नातकोत्तर व छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय भिलाई से बैचलर ऑफ़ फार्मेसी में स्नातक तथा डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय से कम्यूटर में पीजी डिप्लोमा,तथा दिल्ली कैटालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड से प्रोफेसनल डिप्लोमा इन क्लिनिकल रिसर्च व प्रोफेसनल सर्टिफिकेट इन फार्माकोविजिलेंस में डिप्लोमा है । वर्तमान में उच्च शिक्षा हेतु  अध्ययन जारी ।

प्रकाशनविभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं , आलेख व  अन्य विधा एवं एकल काव्य संग्रह- आनंद सिंघनपुरी की कविताएँ(2009),काव्य तरंग- अनुपम (2019),दिल की आहट (प्रकाशाधीन) छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह- गोठ बोली अउ भाखा के(प्रकाशाधीन),साँझा संकलन- सृजन गुच्छ द्वितीय (2018),साहित्य समर्पण(2019),समकालीन बाल कथा(2020),संकलन व सम्पादन- मैना के गउना – छत्तीसगढ़ी शिशु गीत (2020)।

सम्मानविभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक व सामाजिक संस्थाओं से प्रशस्ति पत्र व सम्मान । 

सम्प्रतिफार्मासिस्ट,सामाजिक कार्य,स्वतंत्र अध्ययन व लेखन।

हाइकु विन्यास में गज़ल

 

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कभी बेकार/ की  बातों  को/ छोड़ देवें भी,
टूटते रिश्तों/को आपस में कभी/जोड़ देवें भी|
 
बड़ी जालिम/ दुनिया की रिवाजें/जिसमें बंधे,
ऐसे वैसे को/ दुरिया  बनाकर/ तोड़ देवें भी|
 
जो हो भटके/कहीं पे हो अटके/ निकाल लाओं
जहाँ बड़ा  है/ जरा हवा का रुख/ मोड़ देवें भी|
 
कूट-कूट  के / जिनमें  भरी  जाती/ अज्ञानता,
उस घड़े को/ निकाल के बाहर / फोड़ देवें भी |
 
कड़वे शब्द/ जी को जला जाये तो /चुप होकर 
शीरीं जुबाँ की/ओर जरा चलकर / मोड़ देवें भी
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•  *आनंद सिंघनपुरी,छत्तीसगढ़

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