Param Hans Maurya ki Mohabbat par kavita

सारा शहर मोहब्बत में बीमार था।

हर किसी को किसी का इंतजार था।

किसी की आंखों में चाहत तो किसी के होठों पे इज़हार था।

एक हम ही अकेले थे जो नफ़रत की नज़र से देखे गए, वरना सबकी जिंदगी में प्यार ही प्यार था।

परम हंस मौर्य गीतकार / शायर / साहित्यकार रायबरेली उत्तर प्रदेश भारत।

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