Sad Hindi kavita | मैं और तुम | सीताराम चौहान पथिक
Sad Hindi kavita | मैं और तुम | मैं और तुम याद तुम्हारी जब जब आई , तड़पा हूं मैं खूब यहां , तुमको जो मंजूर नहीं था , रोया … Read More
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