सत्ता से सड़क का‌ हिंदी में /सम्पूर्णानंद मिश्र

सत्ता से सड़क का‌ हिंदी में  / सम्पूर्णानंद मिश्र :  कविता अपने समय और परिवेश की अभिव्यक्ति होती है। जिन्हें एक संवेदनशील मनुष्य शब्दों के माध्यम से आकार प्रदान करता … Read More

ख़तरा भीतर से है/डॉ सम्पूर्णानन्द मिश्र

ख़तरा भीतर से है ख़तरा भीतर से है बाहर से नहीं चाहे वैचारिक हो या सामाजिक बध किया है हमेशा हमारी शक्तियों का आंतरिक दुर्बलताओं ने नहीं बोने देना चाहिए … Read More