Hindi Kavita khoonkhaar Bhediya- खूंखार भेड़िए हो!
Hindi Kavita khoonkhaar Bhediya खूंखार भेड़िए हो! रिश्ता गहरा तुम्हारा हमारा एक अटूट प्रेम हममें तुममें कभी हंसते थे खिलखिलाते थे मीठी- मीठी बातें बतियाते थें मर मिटते थे एक … Read More
Hindi Kavita khoonkhaar Bhediya खूंखार भेड़िए हो! रिश्ता गहरा तुम्हारा हमारा एक अटूट प्रेम हममें तुममें कभी हंसते थे खिलखिलाते थे मीठी- मीठी बातें बतियाते थें मर मिटते थे एक … Read More
जानवर भीतर का जानवर भीतर का न जाने कब से देहगाड़ी पर भीतर के मरे हुए पशु को ढोते रहे यूँ ही हर बार फेंकते रहे सड़क पर बियाबान में … Read More
Hindi Poems of Sampurnanand Mishra क्रूर काल ग्रास हो गया क्रूर काल का तीस साल में ही रामू विधवा बना दिया पत्नी को भरी जवानी में छिप-छिप कर रोने लगी … Read More
jeevanadaayinee saansen जीवनदायिनी सांसें विवेक की चलनी में चल जाती है जब बुद्धि तब मनुष्य अनैतिकता की ज़हरीली हवा से विमुक्त होकर नैतिकता की किताब पढ़ने लगता है और वह … Read More