Param Hans Maurya ki gajal
कुछ खोया था कुछ पाया था। हर तरफ नफरतों का साया था। गम में डूबा था दिल चारो तरफ तन्हाई थी फिर भी मैं कदम कदम पे मुस्कुराया था। अपनो … Read More
कुछ खोया था कुछ पाया था। हर तरफ नफरतों का साया था। गम में डूबा था दिल चारो तरफ तन्हाई थी फिर भी मैं कदम कदम पे मुस्कुराया था। अपनो … Read More