हिन्दी अपनी शान बनेगी | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

विश्व हिन्दी दिवस पर सादर समीक्षार्थ

हिन्दी अपनी शान बनेगी


आओ नव अभियान चलायें,
सहज मान-सम्मान बढ़ायें ।
हम हिन्दी,हिन्दू,हिन्दुस्तान-
विश्व पटल पर अलख जगायें।1।

हिन्दी की हर बात निराली,
हॅसते होंठो की यह लाली।
हिन्दी के ही गीत सुनाती-
कर्णमोहिनी कोयल काली ।2।

बेशर्मों की बात न पूछो,
पर भाषी जज्बात न पूछो।
आधी हिन्दी आधी इंग्लिश,
दो कौड़ी औकात न पूछो।3।

लिखो वही जो पढ़ना चाहो,
पढ़ो वही जो सुनना चाहो।
लाख टके की बात एक है-
हिन्दी चुनो, जो बढ़ना चाहो।4।

हिन्दी,हिन्दी-भक्त को,
मेरा कोटि प्रणाम,
विश्व पटल पर छा रही,
जय जय जय श्रीराम।5।

कल सबकी पहचान बनेगी,
हिन्दी अपनी शान बनेगी।
मीठे वचन सभी को प्यारे-
सबकी मधुर जुबान बनेगी।6।

हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’,
रायबरेली (उ प्र) 229010
9415955693,9125908549

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