hindi kavita भारतीय नारी/सीताराम चौहान पथिक
भारतीय नारी ।
नारी शक्ति- समर्पण-श्रद्धा ,
नारी स्नेह – प्रेम की खान ।
नारी का बस यहीं रूप ,
जगती का सदा करें कल्याण।
नारी – तुम देवों की जननी ,
तुम भारत माता की शान ।
पुरुषों का देवत्व तुम्हीं हो ,
सफल व्यक्ति की तुम पहचान
नारी, उठो – स्वयं को जानो ,
भारत की संस्कृति अपनाओ।
पश्चिम की आंधी को रोको ,
स्वयं स्नेह – गंगा बन जाओ।
घर-घर में नारी का शोषण ,
नारी , नारी के ही विरुद्ध ।
शिक्षा का शंख बजे घर घर ,
नारी – अंतर्मन हो विशुद्ध ।
निर्मलता नारी का भूषण ,
सद्गुण सोने पे सुहागा है ।
भारत की नारी जागॄत है ,
पथिक , स्वदेश भी जागा है ।