कान्हा के संग प्रीत | छंद | नरेंद्र सिंह बघेल

कान्हा के संग प्रीत | छंद | नरेंद्र सिंह बघेल

कान्हा के संग प्रीत के गीत की ,
नीति की रीति सिखा गई राधा ।
हाँथ पकर बरजोरी करैं जब ,
हार के जीत सिखा गई राधा ।
नयनन से तिरछे चलैं बैन ,
नयनन को नयनन से समझा गई राधा
निष्काम प्रेम की मूरत सी बन ,
मुरलीधर में ही समा गई राधा ।।

नरेंद्र सिंह बघेल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *