रिश्तों से हलकान मिला | रश्मि लहर
रिश्तों से हलकान मिला
टुकड़ों बॅंटा मकान मिला
हर पग पर तूफ़ान मिला
सफर कहाॅं आसान मिला
न थीं निभाने की कसमें
प्रेम गुॅंथा अनुमान मिला
छाले पग के चीख उठे
ज़ख्मों से अपमान मिला
फटी-फटी ऑंखें सहमी
जलता जब श्मशान मिला
लहर-लहर वो थिरका जब
प्रेम सप्त स्वर गान मिला
रश्मि लहर
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