हृदयविदारक घटना | lakhimpur kheri violence par kavita in hindi
हृदयविदारक घटना
( लखीमपुर की)
किसने दे दिया अधिकार
बूढ़ों को सड़क पर चलने का
उन्हें तो घर में रहना चाहिए
बिल्कुल घर में
वह भी शांत भाव से
बिना शोर- शराबा के
चाहे कोई कुछ भी कहे
जिस भी मात्रा में कहे
उन्हें चुप रहना चाहिए
पीड़ा पी लेनी चाहिए अपनी
नहीं तो
प्रतीक्षा में खड़े हैं होम- शेल्टर
बिल्कुल गिद्ध- दृष्टि गड़ाए
क्योंकि,
सब कुछ चल रहा है
ठीक- ठीक परिवार में
सौमनस्य है पिता- पुत्र के बीच
कोई घंटी नहीं बज रही है
तनाव व टकराव की
तो ख़तरे का संकेत है
यह स्पष्ट तौर पर
होम- शेल्टर की दीवारों के लिए
वैसे सड़क पर चलने का सबसे पहला अधिकार
बुज़ुर्गों का नहीं है
यह अधिकार तो नई पौध का है
जिन्हें गर्भ से ही
लाइसेंस प्राप्त है दूसरों की ज़िंदगियों के साथ खेलने का
ऐसे में
यदि कोई बुज़ुर्ग
अपने गंतव्य तक
पहुंचने की उम्मीद रखता है
और सड़क पर शीघ्र
चलने की त्वरा दिखाता है
तो उसे रौंद दिया जाता है
सड़क पर ही