मंदार माला सवैया | Mandaar Mala Savaiya
मंदार माला सवैया | Mandaar Mala Savaiya
मंदार माला सवैया=7×221+2
हे राम रामा जपो दुःख छूटे इसी से सधे मुक्ति की कामना।
ज्ञानी यही ज्ञान संदेश देते करो राम के नाम की साधना।।
भागो नहीं आप संसार त्यागो तुम्हे राम के पाँव को थामना।
कल्याण कर्ता वही एक हैं आप रोओ उन्हीं से करें सामना।।
जागे रहो आप संसार में सुप्त होना नहीं स्वप्न आसार में।
झूठे सभी स्वप्न हैं जानना एक सच्चा वही प्राण आधार में।।
रोना न खोना कभी धैर्य को राम ही धैर्य हैं श्वाँस झंकार में।।
धारे रहो धैर्य की साधना राम की हो कृपा दीन-लाचार में।।
पानी वही जीव के कंठ में खार होता नहीं है कभी जानना।
जानो उसे ही भरा श्वाँस में नेक कर्ता सदा ही उसे मानना।।
नेकी करो नित्य नेकी मिलेगी बनो नेक साथी यही ठानना।
हो मिष्ट ही मिष्ट मिष्टी मिलेगी कि आकंठ पूरा उसे छानना।।
पापी न पुण्यी लखें राम जी प्रेम ही प्रेम चाहें वही दान दो।।
प्रेमी जनों के लिए राम जी मान चाहा करें नित्य ही मान दो।।
ज्ञानी वही एक हैं राम जी नेक चाहो सदा ज्ञान लो ज्ञान दो।
जो भी दिखे नेक संसार मे नेक हो नेक के हेतु ही प्राण दो।।
बाबा कल्पनेश
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