नववर्ष तुम्हारा अभिनंदन!

नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन!

नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन!
माथे पर मलयागिर चंदन।।

यह प्रात सजाए थाल खड़ी।
तुम आए लेकर सुखद घड़ी।।
शिशु भारत करता पद वंदन।
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन।।

स्वागत में प्राची ले रोली।
है सभी दिशाओं से बोली।
लो विगत हुआ अब जग क्रंदन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन।

भर कर के गंगाजल सखियाँ।
खुशियों से चम-चम कर अँखियाँ।
लख हुआ आगमन नव स्यंदन।
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन।।

लो हर्षित आज समाज हुआ।
हर डाली-डाली बैठ सुआ।
अब करे जीर्णता का लंघन।
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन।।

गगन झुका निज भाल कहे।
हर गले-गले जय माल रहे।
कुमकुम-रोली का शुभ अंकन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन।।

बाबा कल्पनेश
श्री गीता कुटीर-12,गंगा लाइन, स्वर्गाश्रम-ऋषिकेश, पिन-249304

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