sanvad hindi kavita/संवाद-संपूर्णानंद मिश्र

sanvad hindi kavita – संपूर्णानंद मिश्र   की रचना  संवाद जो  आम जन   मानस  से जुडी  है  कविता  का सन्देश साफ़ है कि एक बड़ी भूमिका संवाद टूटे दिलों को जोड़ने में निभाता है अगर ये संवाद बंद हो जाएं तो बड़ी घटनायें हो जाती है इतिहास में हमने इसका अनुभव भी किया हैं तो प्रस्तुत है रचना इन भावों के साथ :

 

संवाद


निभाता है
एक बड़ी भूमिका संवाद
टूटे दिलों को जोड़ने में
नहीं होना चाहिए
बंद संवाद
सिले जा सकते हैं
फटे हुए रिश्तों के वस्त्र
संवाद की सूई से
नहीं होता अंधा होना स्ववश में
लेकिन बांध ली जाय आंखों पर
अविवेक की पट्टी
तब निर्णय करने में
उचित और अनुचित का
नहीं हो सकता कभी भी
पारदर्शी व्यक्ति
नहीं दिखाई देता है
ऐसे में सच
आत्मा की आंखों से
नहीं रोका जा सकता तब
महाभारत का युद्ध होने से
कमज़ोर हो जहां संवाद की बुनियाद
तो उस पर बनी इमारत गिर जाती है भहराकर शीघ्र ही
क्योंकि नहीं
लंबी आयु हो सकती है
उसकी
लंबी आयु के लिए
नितांत आवश्यकता होती है
संवाद के आक्सीजन की।
निकाला है जटिल से जटिल
परिस्थितियों में भी एक
सुगम रास्ता
देश के ऋषि- मुनियों ने
संवाद के प्राणवायु से

sanvad- hindi- kavita
डॉ. सम्पूर्णान्द मिश्र

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