short bal kavita in hindi /सीताराम चौहान पथिक

मैया ला दे मुझे बांसुरी ।
बाल – कविता

(short bal kavita in hindi)


मैया   ला   दे मुझे बांसुरी ,
मैं   मोहन   बन जाऊंगा ।
होंठों से नित लगा बांसुरी  ,
मीठी   तान    सुनाऊंगा ।

मोर पंख  का मुकुट पहन कर,
ठुमुक    ठुमुक    कर गाऊंगा ।
पैरों       में     नूपुर पहना दें ,
सब    को    नाच    दिखाऊंगा ।

रोज   खिलाना दही और माखन ,
हॄष्ट – पुष्ट          बन     जाऊंगा ।
जो   समाज    में    खलनायक हैं ,
नाकों      चने         चबवाऊंगा  ।

यमुना – तट पर बजा बांसुरी  ,
ऐसी           रास       रचाऊंगा ।
मुरझाए सब कमल खिल उठे
जीवन – ज्योति जगाऊंगा
मैया    ला   दे  मुझे बांसुरी ।

मन में मेरे प्रश्न बहुत हैं ,
एक – एक सुलझाऊंगा ।
कंस  और दुर्योधन जैसों ,
को   मैं   पाठ  पढाऊंगा ।

आर्य भूमि अब हुई प्रदूषित ,
कालिय – नाग नथवाऊंगा ।
क्रूर- कुचक्रो – षड्यंत्रो से ,
पथिक- यह देश बचाऊंगा ।।
मैया   ला   दे   मुझे बांसुरी

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सीताराम चौहान पथिक

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