Short Poem on Nature in Hindi

प्रकृति का कहर


कोरोना ज़हर है
प्रकृति का कहर है
कुत्ता,बिल्ली,सांप, चमगादड़ का भक्षण करके चीन ने इस
ज़हर को फैलाया है
इन मासूम निर्दोष जीव-जंतुओं को ख़ून के आंसू रुलाया है
समय‌ ने यह सब‌ अपनी
आंखों से देखा ‌है
इनकी बर्बरता का
पूरा इतिहास लिखा है
आज वक्त सच के मुकुर में
‌ तुम्हें
तुम्हारे कुकर्मों को दिखा रहा है
मनुष्यता का नया
पाठ पढ़ा रहा है
आज‌ समग्र मानव
जाति पर संकट है ‌
आने वाला समय
और भी विकट है‌
मौत बहुत निकट है
दुर्दिन अभी टला नहीं है
चिकित्सा विज्ञानी कुछ
और संकेत दे रहे हैं
इसलिए अब भी
‌सावधान हो जाओ!
पशुता और क्रूरता के
गंदे‌ लिबास उतार फेंकों
इस लाक‌ डाउन का
पूरी निष्ठा से पालन करो
सदाचरण का वस्त्र धारण कर
और मां शांभवी से
विनीत भाव में प्रार्थना करो
समग्र विश्व- कल्याण के लिए


Short Poem on Nature in Hindi
संपूर्णानंद मिश्र
फूलपुर प्रयागराज

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