श्रवण कुमार पांडेय पथिक की सीडीएस विपिन रावत पर कविता | Shravan kumar pandey pathik poem on cds vipin rawat

श्रवण कुमार पांडेय पथिक की सीडीएस विपिन रावत पर कविता | Shravan kumar pandey pathik poem on cds vipin rawat

१. शूरवीर कभी भी मरते नही

यह भारतवर्ष है,
यहाँ शूरवीर कभी भी मरते नही ,,
यहाँ शूरवीर नश्वर लौकिक तन का
विधिविहित त्याग करते हैं,

यह कृतज्ञ धरा है,
इस आदि कृतज्ञ पावन भूमि में ,,
वीर सर्वदा पुण्य स्मरणीय रहते हैं ,
यहाँ वीर महाप्रयाण करते हैं,

वीर पुरूष जन्मना होते,
योद्धा जन्म ही लेते देश के लिए,
जो हैं देश के लिए,

देश है उनके लिए अमर पुरूष

देश के हितार्थ समर्पित भाव से जीते हैं,

कर्मठ प्रतापी,योद्धाओं से
सर्वदा धनी रहा अप्रतिम भारतवर्ष,
हम कलम के लोग कृतज्ञ भाव से प्रत्येक कीर्तिशेष,

कीर्तिमयी को वांग्मय में अमर करते हैं,

२. साहसी समर्पित सेनानायक

जाना है सभी को,किन्तु यह दुःखद है,
सबको पता कि धरा में न कोई अमर,,,,,


अलविदा साहसी समर्पित सेनानायक
किसे पता था कि यह है अंतिम सफर,,,,


जब तक जिये ,अपराजेय रहा भारत,
हम न भूलेंगे आपको कभी विपिन सर,,,,,


सिर उठाकर चलने लगा था राष्ट्र यह,
आपके बड़े अहसान हैं भारत वर्ष पर,,,,,,


अंतिम सांस तक आप रहे देशसेवा में,,,,,,
काश ,ईश मांगता तो देते अपनी उमर,,,,,,,


पहल न होगी,बाद में न गिनेंगे गोलियां,
हुंकार से दुश्मन रह जाता था कांपकर,,,,,,


आज दिन किस तरह बिता क्या कहें,
क्या करें निःशब्द,ओमशान्ति कहकर,,,

– श्रवण कुमार पांडेय पथिक

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