Paane Kee Aasha – पाने की आशा / अरविंद जायसवाल
पाने की आशा विरह की वेदना तारों से, चन्दा तक चली आई। न मैं समझा न वो समझे, बहारों तक चली आयी।। पपीहे ने कहा मुझसे, किधर … Read More
पाने की आशा विरह की वेदना तारों से, चन्दा तक चली आई। न मैं समझा न वो समझे, बहारों तक चली आयी।। पपीहे ने कहा मुझसे, किधर … Read More
बरसते बादल (barasate baadal) ताल तलाई हर्षित होकर, नालों में परिवर्तित होकर, भाव विभोर प्रफुल्लित होकर, चले मिलन की आशा लेकर ।(१) मेघों ने दंदुभी बजाई, बिजली चमकी राह दिखाई, … Read More