Nafrat ki aag-नफ़रत की आग/संपूर्णानंद मिश्र

Nafrat ki aag  नफ़रत की आग   नफ़रत की आग   लिए क्यों बैठे हो  आपदा में भी  इतने क्यों ऐंठे हो   सीने में खंज़र  भोंकने की ख्वाहिशें  अब भी पाले … Read More