हम हैं हिन्दुस्तानी | कभी न तोड़ो कच्चे फल | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’
हम हैं हिन्दुस्तानी | कभी न तोड़ो कच्चे फल
चलो शौर्य की गाथा लिख दें,
लिख दें अमर कहानी,
तूफानों से हम न डिगेंगे,
हम हैं हिन्दुस्तानी।टेक।
मातृभूमि के लिए समर्पित,
हॅस कर जीवन कर देंगे,
खुशहाल देश यह रहे मेरा,
खाली झोली भर देंगे।
उनके पदचिह्नों का वन्दन,
जो अमर हुए सेनानी ।
तूफ़ानों से हम न डिगेंगे,
हम हैं हिन्दुस्तानी।1।
सोना यहीं उगलती माटी,
फूलों की है मनहर घाटी,
देश-धर्म पर मर मिटने की,
कालजयी सुन्दर परिपाटी।
सबको गले लगाने की,
अपनी रीति पुरानी।
तूफानों से हम न डिगेंगे,
हम हैं हिन्दुस्तानी।2।
चॉद-सितारो से नभ मण्डित,
सूरज से आलोकित पथ,
मलयज गीत दिशायें गातीं,
सत्य-न्याय का चलता रथ।
परियॉ यहीं उतरतीं नभ से,
गंग-जमुन का पानी।
तूफानों से हम न डिगेंगे,
हम हैं हिन्दुस्तानी ।3।
ज्ञान-सुरभि बिखरा कर जग में,
नित नूतन शोध करें,
धर्म-कर्म से मानवता का,
सुन्दर उद्बोध करें।
संरक्षण,ऋंगार प्रकृति का,
करने की है ठानी।
तूफानों से हम न डिगेंगे,
हम हैं हिन्दुस्तानी।4।
कभी न तोड़ो कच्चे फल।
बात पते की सुन लो मेरी,
फल खाना है बहुत जरूरी।1।
सुन्दर ,स्वस्थ,निरोग रहें हम,
सारे सुख का भोग करें हम।2।
आम,सन्तरा,काजू खाओ,
बाबू,भोले,राजू आओ।3।
प्रोटीन,विटामिन सब पाये,
अनन्नास,अंगूर जो खाये ।4।
कुछ मौसम कुछ बारहमासी,
रखे,कटे मत खाओ बासी।5।
जामुन,सेब,पपीता खाओ,
पास डॉक्टर के मत जाओ।6।
खरबूजा,तरबूज,अनार ,
खा अमरूद न हो बीमार।7।
बच्चों सुन लो बात विमल,
कभी न तोड़ो कच्चे फल।8।
–
हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’,
रायबरेली (उप्र) 229010
9415955693
9125908549