तीन बाल कविताएं | baal kavita in hindi

तीन बाल कविताएं | baal kavita in hindi

१. बेचारा छात्र

नीचे स्वाटर ऊपर स्वाटर ,

बीच    में    कमीज़    ।

टाई  सीधी   बांध     ले  ,

सीख   ले      तमीज    ।।

पांव     में      जुराब    ,

और    जूते  पहन  ले  ।

जल्दी जल्दी नाश्ता  कर  ,

बस     पकड़    ले   ।।

होम – वर्क  पूरा  कर  ,

डांट     ना     पड़े    ।

शरारतें   ज्यादा   ना  कर ,

निकालना     पड़े    ।।

कहना    मान   बड़ों  का  ,

गुरु     सम्मान       ।

दिल   से    पढ़ाई   कर  ,

मिलेगा    ईनाम    ।।

२. जंगल में आज़ादी

जंगल में शेर आया  ,

गीदड़ ने हुक्म सुनाया ।

आते हैं  शेर  राजा   ,

मिल कर बजाओ बाजा ।।

राजा जी मन  के सच्चे  ,

जंगल   में  गाते  बच्चे   ।

भालू ने  नाच  दिखाया  ,

बंदर  ने  स्वांग   रचाया  ।।

बंदरिया   नाच  छमाछम ,

बंदर   तू  कूद   दमादम  ।

भालू  ने  जोश  दिखाया  ,

शेर   भी    मुस्कुराया  ।।

जंगल   में  मंगल   हुआ  ,

पट्ठों   का   दंगल   हुआ  ।

आजादी   दिन  है  आया  ,

शेर  ने   ध्वज  फहराया  ।।

  ३.जय हिन्द

नन्हे से हम वीर सिपाही ,

जयहिंद जयहिंद कहते हैं ।

बच्चों की सेना को लेकर  ,

 सब से  जयहिंद कहते हैं ।।

हिन्द  हमारी जन्म भूमि है ,

नमन  इसे  हम करते  हैं  ।

वीर शिवा  राणा प्रताप को ,

बड़े   चाव  से  पढ़ते   हैं  ।।

रोज  तिरंगे  को  उठते  ही ,

अपना  शीश  झुकाते  हैं   ।

गद्दारों   से  नफ़रत  करते   ,

वन्दे –  मातरम   गाते  हैं  ।।

आओ मेरे  वीर साथियो  ,

भारत  को स्वर्ग बनाएं हम ।

छिपे हमारे  भीतर  दुश्मन  ,

उनको  दूर  भगाएं  हम  ।।

हम सुभाष- गांधी भविष्य के 

राम – राज्य हम  लाएंगे   ।

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई  ,

सबको   गले   लगाएंगे  ।।

नहीं  किसी से हम हैं कम ,

बाज़ू  में  अपने  है  दम  ।

भारत को मजबूत बनाएंगे ,

जयहिंद जयहिंद  गाएंगे  ।।

couple-communication-sitaram-chauhan-pathik
सीताराम चौहान पथिक

      

                  

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