चलो गगन में तितली बनकर । Hindi Poem for Kids

चलो गगन में तितली बनकर । Hindi Poem for Kids

चलो गगन में तितली बनकर,
दूर घूम कर आयें हम ।
देखें कितनी सुन्दर दुनिया,
शाम ढ़ले घर आयें हम।टेक।

बड़ा अजूबा लगता मुझको,
सुबह शाम का होना ,
सूरज की किरणों से जगमग,
घर ऑगन हर कोना ।
धूप-छॉव का भेद जानकर,
सबको फिर बतलायें हम।
चलो गगन में तितली बनकर,
दूर घूम कर आयें हम।2।

कैसे बहतीं गर्म हवायें,
शीतल कब हो जाती हैं,
किसकी बगिया से मनमोहक,
मलय सुरभि ले आती हैं।
मन मेरा ललचाता कहता,
नेहिल सुमन लुटाये हम।
चलो गगन में तितली बनकर,
दूर घूम कर आयें हम।2।

ऊॅचे पर्वत झर-झर झरने,
कल-कल सरिता बहती ।
खग-कुल पल-पल कलरव करते,
कोयल बाग मचलती ।
रिमझिम बूँदों के संग खेलें,
जी भर मौज मनायें हम।
चलो गगन में तितली बनकर,
दूर घूम कर आयें हम।3।

hindi-poems-author-harishchandra-tripathi-harish
हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश’

अन्य पढ़े :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *