Baalgeet Saamoohik Khel | बाल- गीत सामूहिक खेल / सीताराम चौहान पथिक
Baalgeet Saamoohik Khel
बाल- गीत
सामूहिक खेल
एक बच्चा –
ता – ता तपडी ,
जाले में मकड़ी ,
मकड़ी ने जकड़ी,
एक मक्खी तगड़ी ।
सभी बच्चे –
हां भाई हां- हां भाई हां
दूसरा बच्चा-
ता-ता- तपरी ,
घास खाए बकरी,
खाके खीरा ककड़ी,
हो गई तगड़ी ।
सभी बच्चे –
हां भाई हां हां भाई हां
तीसरा बच्चा-
ता- ता तपडी ,
दक्षा खाए रबड़ी ,
मैया देख अकड़ी ,
दक्षा नाक रगड़ी ।
सभी बच्चे –
हां भाई हां हां भाई हां ।
चौथा बच्चा-
ता – ता थैया ,
दूध वाला भैया ,
पानी मिलैया ,
मांगै रूपैया ।
सभी बच्चे –
हां भाई हां हां भाई हां
पांचवा बच्चा
सूई में धागा ,
देख रहा कागा ,
आयू भैया जागा ,
फ़ुर्र से भागा ।
सभी बच्चे –
हां भाई हां-हां भाई हां
छठा बच्चा-
बिल्ली मौसी आई ,
खाई खूब मलाई ,
सबने मार लगाई ,
शामत उसकी आई।
सभी बच्चे-
हां भाई हां हां भाई हां
सातवां बच्चा-
भैया गये हाट ,
खूब खाई चाट ,
हो गये ठाट ,
पड़ी फिर डांट ।
सभी बच्चे-
हां भाई हां हां भाई हां
आठवां बच्चा-
बच्चों सुनो बात ,
दिन हो या रात ,
सच्ची सच्ची बात ,
मन में बिठात ।
सभी बच्चे –
हां भाई हां, हां भाई हां
चन्दा मामा
चन्दा मामा- चन्दा मामा ,
भैया करता है हंगामा ।
कहता तुमको अपना मामा ,
तुम बन जाओ मेरे मामा ।
रोज़ तुम्हें मैं टा-टा करती ,
तुमसे मन की बातें करती ,
जल्दी से मामा बन जाओ ,
वरना मैं हूं कुट्टी करती ।
सुन चन्दा मामा मुस्काए ,
गुड़िया ने भी हाथ हिलाए ।
चिड़िया चहकी,कोकिल कूकी ,
आसमान ने फूल गिराए ।
सीताराम चौहान पथिक
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