Bhagwan Shri Ram Poem in Hindi – भगवान श्री राम से
Bhagwan Shri Ram Poem in Hindi : भगवान श्री राम से…. कविता सीताराम चौहान पथिक की स्वरचित रचना पाठको के सामने प्रस्तुत है। कविता में लेखक ने बताया है श्री राम ने रावण को मारा लेकिन आज कलयुग में तो हर मनुष्य के सामने रावण है जो हर दिन प्रहार कर रहा है वह भ्रष्टाचार का रूप लेकर तथा अधर्म को हर दिन आस – पास देखते है। लेखक की श्री राम से प्रार्थना हैं कि फिर से रामराज्य स्थापित हो, सभी मानव सुखी हो यही ईश्वर से प्रार्थना के साथ प्रस्तुत है रचना –
श्री राम से……।
धर्म के रक्षार्थ व्रत ,
धारण किया था आपने ।
सत्य के रक्षार्थ रावण वध,
किया था आपने ।।
सत्य मानो राम- रावण तब ,
मरा ही था कहां ।
वह तो मायावी विचरता ,
आज भी है सामने ।।
त्रेता गया – द्वापर गया ,
कलियुग में रावण है प्रबल ।
हर श्वास पर प्रहरी बना ,
सिंह – गर्जना करता सबल ।
श्री राम पुनः धारण करो ,
दिव्यास्त्र नूतन आधुनिक ।
भस्म हो जाए बुराई रूप ,
रावण के सकल ।।
प्रति वर्ष रावण बढ़ रहा ,
आतंक के छूता शिखर ।
संसद में उसका बाहुबल ,
कानून से फिर कैसा डर ।।
स्वार्थ भ्रष्टाचार की दीमक,
जड़ों को खा रही ।
आओ , हे रघुवीर – कर दो,
देश को बिल्कुल निडर ।।
आज रावण- राज्य में ,
कुछ लोग भूले आपको ।
प्रमाण उनको चाहिए ,
कल्पित समझते आपको।।
हर प्राण की गहराई में ,
नित रमने वाले राम ।
सद्बुद्धि दो पहचान जाएं ,
यह स्वयं ही आपको ।।
अब तो , उठो श्री राम ,
रावण पर करो संधान ।
सूक्ष्म दर्शी रूप अगणित ,
और मायावी , करो अवसान ।।
आज भारत – भूमि की ,
पुकार है – हे धनुर्धर ।
पथिक – हो साकार सपना ,
राम – राज्य का विहान ।।
सीताराम चौहान पथिक
नई दिल्ली ।
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