सीता की व्यथा | सीताराम चौहान पथिक
हिंदीरचनाकर के पाठकों के लिए वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक की रचना सीता की व्यथा प्रस्तुत है , रचना में सीता माँ के गुणों को व्यक्त किया गया हैं आदर्श नारी का उदारहण दिया जाता है सीता माँ प्रथम रहती है , उनका जीवन सभी नारियों के लिए आदर्श है , हमे आशा है कि रचना में सीता की व्यथा को पढ़कर माँ के प्रति श्रद्धा का संचार होगा। प्रस्तुत है रचना :-
सीता की व्यथा
भूमि-सुता सीता जननि ,
त्याग – पुंज अभिराम ।
नारि – जगत की प्रेरणा ,
मातु श्री चरण प्रणाम ।
दोनों ही आदर्श – रूप ,
सिया और श्री राम ।
भारत – भू कॄत- कॄत हुई ,
जपत निरन्तर नाम ।
पितॄ – पक्ष ससुराल – पक्ष ,
दोनों कुल की कानि ।
सिया – चरित आदर्श है ,
नारी — तू पहचान ।
वनवासी श्री राम की ,
सेवा का सद्धर्म ।
छाया बन कर सिया ने ,
सदा निभाया धर्म ।
थन्य धन्य मां जानकी ,
रामाज्ञा को मान ।
अग्नि- परीक्षा दी – जदपि ,
खोली नहीं ज़ुबान ।
लोकापवाद से हिल गई ,
राम – राज्य प्राचीर ।
सीता जैसी पतिव्रता ,
आरोपों के तीर ।
जन-संशय नहीं थम सका,
हुआ पुनः वनवास ।
राम — हॄदय की वेदना ,
भूल गया इतिहास ।
सीता युग की चेतना ,
मर्यादा का नाम ।
नारी का आदर्श सिय ,
बिनु सिय कैसे राम ।।
जनक – नंदनी की व्यथा ,
नारी का कटु सत्य ।
शिला अहिल्या युगों तक ,
सहती रही असत्य ।।
रघुकुल की सौभाग्य -श्री ,
क्रूर भाग्य का लेख ।
सुखमय जीवन जी सकें ,
सिय के भाग्य ना रेख ।
![seeta-kee-vyatha](https://hindirachnakar.com/wp-content/uploads/2021/01/poem-on-Environmental-awareness-150x150.jpg)
![seeta-kee-vyatha](https://hindirachnakar.com/wp-content/uploads/2021/01/poem-on-Environmental-awareness-150x150.jpg)
आपको सीता की व्यथा | सीताराम चौहान पथिक की स्वरचित रचना कैसी लगी, पसंद आये तो समाजिक मंचो पर शेयर करे इससे रचनाकार का उत्साह बढ़ता है।हिंदीरचनाकर पर अपनी रचना भेजने के लिए व्हाट्सएप्प नंबर 91 94540 02444, 9621313609 संपर्क कर कर सकते है। ईमेल के द्वारा रचना भेजने के लिए help@hindirachnakar.in सम्पर्क कर सकते है|
अन्य रचना पढ़े ;