मेरा भारत | Mera Bharat patriotic geet
मेरा भारत | Mera Bharat patriotic geet
मेरा भारत
हर तरफ देख देख आये हैं,
ऐ वतन तेरी माटी की खुशबू,
सारी दुनियाँ में नहीं पाये हैं,
हर तरफ देख देख आये हैं।।
मेरा भारत जहाँ का दर्पण है,
जाति धर्मो का यहाँ मिश्रण है,
यहाँ की संस्कृति बताती है,
हम सभी को गले लगाये हैं।।
कहीं पे जिंदगी स्वछंद है पहाड़ों में,
बसे हैं गाँव कहीं गंगा के किनारों में,
मेरे भारत में बहें दूध दही की नदियाँ,
फूल फल से लदी लतायें हैं।।
मेरे भारत की आन बान शान न्यारी है,
यहाँ अरविंद लाज माँ बहन को प्यारी है,
यहाँ की बेटियाँ कूदी हैं युद्ध भूमी में,
जब कभी आततायी आये हैं।।
माँ भारती
ओ मेरे दुख सुख के साथी,वंदना तेरे नाम की,
सारी खुशियाँ दे दी तूने, बिन कहे बेदाम की।
ओ मेरे दुख सुख के साथी, वंदना तेरे नाम की।१।
मन कहे बोलूँ सदा, माँ भारती माँ भारती,
दीपकों की दीप्ति से, कर लूँ तुम्हारी आरती,
देश की मिट्टी मेरे, संस्कार के अभिमान की,
ओ मेरे दुख सुख के साथी, वंदना तेरे नाम की।२।
प्रेम सिखलाया सभी को, बंधनों में बांध कर,
हर धरम में हर करम में, साधना को साधकर,
तुझपे सब कुर्बान है, परवाह नहीं है जान की,
ओ मेरे दुख सुख के साथी वंदना तेरे नाम की।३।
भाग्य पर इतरा रहे हैं जन्म भारत में मिला,
अब कभी अरविंद टूटे, ना यहाँ का सिलसिला,
गाँधी के आशीष की, माटी ये हिंदुस्तान की,
ओ मेरे दुख सुख के साथी, वंदना तेरे नाम की। ४।
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