श्रवण कुमार पाण्डेय | हिंदी कविता | नयी कविता

श्रवण कुमार पाण्डेय | हिंदी कविता | नयी कविता

आज काल का मनई

अरे रे रे,,,,
आज काल का मनई ,,,

पता नाय काहे येत्ता जहरीला होत है भईय्या,,

एक रात,,ई बात का सोंचत सोंचत ,
हम सो गयेन,,,
रात बीते तडकौन्हे एकु सपन दीख,

एक साधू बाबा सपने मा आये,
उईं हमका कायदे से बताएंंन,

जब शंकर भगवान कालकूट जहर का,,,,,
खोरवा मा लेहे घूंट घूंट पियत थे,

जहर तो जहर,खूब करु करु,
तो पियत खंन सिसियाय मा,

शिव जी का हांथ डोलि जात ता,,
तो खोरौना हालि हालि जात रहे,

थोडा बहुत जहर भूइं मा चुई गा रहे ,
वा जहर नदिन के पानी मा मिलिके ,

धरती मा सगले फैल गा,,,
ई पूरी धरती बेबहां विषैली होई गे,,,,

अब विषही धरती मा ,,,,
जऊन पैदा होई,,भईया,,

चहे वा अन्न होय या फ़ल ,फूल होय,
या चहे वा सब्जी भाजी कन्द होय,

वहिमा थोडा बहुत जहर जरुर होई,
वहका जब मनई खाईस,तो मनईव जहरीला होईगा,

तबहिन से सबके जीभ मा,गले मा,
करेजे मा ,दिमाक मा ,नस नस मा ,
जहर अबहूं तक मौजूद है,,,

वैसेव ,,,,
बददिमाक मरद होय चहे मेहरार ,,,
लालची ,स्वार्थी,मरद होय चहे मेहरार,,,,

तुम या जानि लेव यतरन का मनई सांप,विछ्खोपर,बीछी से ज्यादा जहरीला होत है,,भईया,,

सो बाबू,,
स्वार्थी,लालची,बददिमाक मनई से ,,
बचि के रहब बहुत जरूरी है,भईया,,

बाकी अब आप जानो ,आपका काम जाने,
बात बताय दीन,अब कौउ मानै चहे न माने,

श्रवण कुमार पाण्डेय

२.जय जय असूरारी,जग मंगल कारी

जय जय असूरारी,जग मंगल कारी
जय शिवशंकर भगत भव भयहारी,
बम विश्वनाथ बम विश्वनाथ,
हर हर बम बम विश्वम्भर,
द्रवहु महादेव शम्भो,
जय शिव शम्भो,
हर हर महादेव,
01,,,,,

जय त्रय ताप नसावन,चंद्र मौलिधर
जय जय शिवाकान्त ,मुद मंगलकारी,
बम विश्वनाथ बम विश्वनाथ,
हर हर बम बम विश्वम्भर,
द्रवहु महादेव शम्भो,
जय शिव शम्भो,
हर हर महादेव,
02,,,,,

भक्तजन मनमोहत द्वादस ज्योतिर्लिंग,
ऋषिमुनि गावत जय ,जय निर्विकारी,
बम विश्वनाथ ,बम विश्वनाथ,
हर हर बमबम विश्वम्भर,
द्र्वहू महादेव शम्भो,
जय शिव शम्भो
हर हर महादेव,
03,,,,,

जय ओंकार प्रवर्तक डमरू त्रिसूलधर
जयतू मद्नारि शशि, गंगाधर त्रिपुरारी,
बम विश्वनाथ बम विश्वनाथ
हर हर बम बम विश्वम्भर,
द्रवहु महादेव,श्म्भो,
जय शिव शम्भो,
हर हर महादेव,
04,,,,,

जय जय अखिलेश्वर,जय जय विश्वेश्वर,
जय ज्ञान गुणनिधि जय जय अविनाशी,
बम विश्वनाथ,बम विश्वनाथ,
हर हर बम बम विश्वम्भर,
द्रवहू महादेव ,शम्भो
जय शिव शम्भो,
हर हर महादेव,
04,,,,,

भष्मांग विभूषित,जय आदिदेव महादेव,
जय त्रिनेत्र जय रुद्ररूप शंकर कैलाशी,
बम विश्वनाथ,बम विश्वनाथ
हर हर बम बम ,विश्वम्भर,
द्रवहु महादेव शम्भो,
जय शिव शम्भो,
हर हर महादेव, – श्रवण कुमार पाण्डेय

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