Poem about Mother in Hindi | माँ पर कविता हिंदी में

Poem about Mother in Hindi | माँ पर कविता हिंदी में

माँ पर बेहतरीन कविता 


मां का हाथ हींग की डिबिया सा महकता है
सादी दाल रोटी भी एक चमत्कार सा लगता है

मां की डांट एक क्षणभंगुर सा तूफान लाती है
माथे पर हाथो का स्पर्श बसंत सा लहलहाती है

मां मुश्किलो मे खड़े हिमालय सी डटी होती है
भावनाओ मे घिर कण कण बर्फ़ सी पिघलती है

मां का आंचल पुरातन सभ्यता सा विशाल होता है
अनगिनत किस्सो की छाव को वृक्ष सा समेटता है

मां इतिहास के किसी गुप्त खजाने सी होती है
परत दर परत किरदारो मे छुपी तहो सी खुलती है

मां की आंखे किसी गहरी बावड़ी सी होती है
जिनमे सुख दुःख की निर्मल धारा सी बहती है

मां की मुस्कान मे समृद्धि की पहचान सी होती है
उसकी मायूसी मे दुनिया बंजर रेगिस्तान सी होती है

मां की गोद मे मन्दिर के गर्भ गृह सी पवित्रता होती है
हो जाए चारो धाम की तीरथ यात्रा सी सुकून देती है

मां के आशीर्वाद मे अमृत की सी वर्षा होती है
औलादों के प्रति न जाने उसे कैसी मृगतृष्णा होती है


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ज्योति गुप्ता

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