Motivational Gazal on Corona Pandemic – राजेन्द्र वर्मा ‘ राज ‘
Motivational Gazal on Corona Pandemic
मुश्किलें कुछ भले ही उड़ानों में हैं।
मुश्किलें कुछ भले ही उड़ानों में हैं।
पर मेरे हौसलें आसमानों में हैं।।
तू मिटाकर मुझे इस क़दर खुश न हो।
आज भी हम तेरी दास्तानों में हैं।।
तेरी सिसकियों में तेरे साथ होंगे।
हम अभी तो किसी के तरानों में हैं।।
राज महलों में बस क़ैद है ज़िन्दगी।
बुद्ध तो आज भी बियाबानों में हैं।।
कहीं दरियादिल झोपड़ी में मिले तो।
कहीं कमज़र्फ़ ऊंचे घरानों में हैं।।
कितने रिश्ते महज़ नाम के रह गए।
पर कई अजनबी मेहरबानों में हैं।।
कौन पढ़ता है खामोशियां,इसलिए।
तल्ख़ियां कुछ हमारे बयानों में हैं।।
मौत की भी तिजा़रत वो करने लगे।
लोग जो ज़िन्दगी की दुकानों में हैं।।
‘राज ‘देंगे बुलंदी का वो ही पता।
अब जो अपने सफ़र की ढलानों में हैं।।
राजेन्द्र वर्मा ‘ राज ‘
रायबरेली (यू पी)
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