Poonam Singh Quotes & Thoughts In Hindi | पूनम सिंह के अनमोल विचार व कथन

Poonam Singh Quotes & Thoughts In Hindi | पूनम सिंह के अनमोल विचार व कथन


समस्या  एवं  समाधान  एक  दूसरे   के पूरक  है

जिस समय जीवन में समस्या आती है ,

समाधान स्वतः  ही समस्या  के साथ संलिप्त होता है।

समय  के साथ  ये  सब बाते,

हमे  समझ  नहीं आती और जैसे ही  समय  निकल जाता है ,

सब कुछ  समझ आ जाता है ,

वर्तमान  समय में  प्रयास  सिर्फ  इतना  करना है ,

ये विचार समय रहते  आ जायें ।    –  पूनम सिंह 


हर एक समस्या  अपने  आप में समाधान है ,

बस हमे  उस नजरिये की जरूरत है ,

जो  उसे भविष्य  निर्माण  में उपयोगी  हो समझना  सिर्फ इतना है ,

कि ये  समझने में विलम्ब न हो।  –  पूनम सिंह 


3

यदि  हमारा  किसी सम्बन्ध में स्वार्थ है ,

तो अवश्य ही  साम  दाम  दण्ड  भेद  लगाये,

यदि कोई  स्वार्थ  नहीं तो  उसकी स्वतंत्रता में  ही अपना  प्रेम सुनिश्चित करें।   – पूनम सिंह 


कुदरत ने इंसान को  माटी से  तो बनाया है

पर लोहे की मजबूती भी दी है

उसे जीवन गणित करने के लिए दिमाग भी दिया है

और प्रेम में  चूम लेने के लिए दिल भी दिया है। –  पूनम सिंह 


5 . कभी ना कभी हम सब ने किसी का दिल दुखाया

हमसे किसी ना किसी के गुनहगार हैं । कभी कभी पूछ लिया करो खुद से ही यह तुमने तो किसी का दिल नहीं दुखाया कि तुमने जो किया वह सही था,  क्योंकि किसी की उम्मीद है ख्वाहिश है सब कुछ तबाह हो जाता है तुम्हारे कुछ गलत करने से वह बस जी रहे होते हैं । बिना खुद के वजह से कभी ना कभी पूछ लिया करो खुद से क्या तुमने किसी का दिल तो नहीं दुखाया कहीं हम तो किसी के गुनहगार नहीं हैं कहीं तुम तो किसी के गुनहगार नहीं हो । कभी ना कभी हम सब ने किसी का दिल दुखाया। –  पूनम सिंह 

 6. जिंदगी सांसे छीन रही है मुझे फिर भी जिद है

जिंदगी सांसे छीन रही है मुझे फिर भी जिद है । तेरे साए में रहने की खुश इतनी हूँ कि कोई पूछे तो रो दूंगी। तकलीफ इतनी है कि कोई पूछे तो हंस दूंगी। बस जो सच है वह कह नहीं सकते जो झूठ है उसे छिपा नहीं सकते| जीना इतना मुश्किल है मरना उतना ही आसान बस इस आसानी को कर नहीं पा रहे हैं।मैं हर बार हार के मुस्कुराए हूं यह जिंदगी तू मुझे क्या हर आएगी मैं तुझसे फिर लड़ने आई हूं । मुझे पता है मैं फिर जीत जाऊंगी तुझसे। तुझे फक्र है तेरे जिंदगी होने से मुझे फक्र है इंसान होने में। मैं उस पुराने जिद्दी पेड़ की तरह हूं जिस के सारे हरे पत्ते गिर गए हैं लेकिन उसको पता है यह समय का बसंत है जिंदगी का बसंत नहीं फिर आएगा मेरा समय फिर मैं बताऊंगी इंसान होना ही बड़ी बात है । ए जिंदगी मैं तुझ से जीतने नहीं मैं जीने आई हूं संसार में मैं प्रेम बटोरने नहीं प्रेम देने आई हूं दुनिया में । तुझे अंदाजा नहीं है प्रेम का जिसे मरना स्वीकार नहीं वह जीना सिखाता है और मैं जीने आई हूं तुझे जिंदगी होने का घमंड है और मुझे इंसान होने का ए जिंदगी मैं तुझ से जीतने नहीं मैं जी नहीं आई हूं । – पूनम सिंह 

7. कलयुग का हवाला देना बंद करो

यह कहना कि कलियुग है ।  यहां सही के साथ गलत होता है परंतु ऐसा सत्य नहीं है माना कभी न कभी ऐसा होता है परंतु वह प्रभाव सिर्फ हमारे कर्मों का है ।  क्योंकि त्रेता और द्वापर में भी दुख और सुख का मिश्रण था इसलिए कहना पूर्णता गलत है कि कलयुग है युग का हवाला देकर गलत क्यों करते हैं सही भी तो किया जा सकता है । कलयुग है यह इसलिए विडंबना है यह कथन गलत से भी अधिक होता है क्योंकि युग कोई भी हो धर्म एवं प्रकृति ने दोनों ने साथ नहीं छोड़ा मनुष्य का फ्री युग का हवाला देकर सुमार पकड़ने की अपेक्षा कुमार क्यों पकड़ रहे हैं। कलयुग का हवाला देना बंद करो| कोई भी खराब नहीं होता है खराब अगर होती है तो हमारी सोच जिसे सही करना समय से पहले उचित रहेगा हमारे जीवन में। – पूनम सिंह 

8 . अनंत तक

जब तुम्हें कोई ‘ना’ कहेगा तुम मेरे पास आना……
जब तुम्हें कोई समझ न पाये तुम मुझे समझाना मैं तुम्हें सैर पर ले जाऊंगी तुम्हारी अंतरात्मा तक की सैर जहां खुली हवा में सांस लेते हैं तुम्हारे विचार ही तुम्हारी पहचान जहां कोई नहीं कहता ।
कि तुम उनके जैसे क्यू नहीं हो तुम मेरे पास आना मैं तुमसे तुमको मिलवाऊँगी बस तुम बेझिझक मेरे पास आना।   –पूनम सिंह 

9 . मैं

यह एक सच है, जो लगातार मेरे भीतर घटित हो रहा है… यह एक डर है, जो मेरे शब्दों को एवं मेरी भावनाओं को बुलडोजर की तरह रौंद रहा है, यह एक सिसकी है जो किवाड़ों की सेंध से धूप की तरह रिस रही हैं।
यह एक बंदूक है (समाज रुपी) है जो सैकड़ों सालों से मेरी सांसों पर तनी है, यह मैं हूं जो मैं नहीं होना चाहती थी। –पूनम सिंह 

10 .  उचित संबंध

प्रेमिका को पत्नी के रूप में परिवर्तित कर देना अपराध है कानून तो इसकी सजा नहीं देगा लेकिन प्रकृति खुद इसकी सजा देते हैं कानून की कोई जरूरत ही नहीं है इस प्रकार प्रेमी को पति बना देने से और प्रेमिका को पत्नी बना देने से प्रेम का अस्तित्व नष्ट हो जाता है संबंध का सौंदर्य नष्ट हो जाता है यह दो प्रकार के संबंध है और इन को अलग अलग ही निभाया जाना ही सही मायने में सही है।।  –पूनम सिंह 

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पूनम सिंह

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