माँ शारदे वर दे | प्रतिभा इन्दु

शारदे वर दे मुझेमाँ शारदे वर दे ! है गहन पसरा अंधेरा ,दूर है अबतक सवेरा ,हो गई खुशियाँ तिरोहितपास है मातम घनेरा ।ज्ञान की उज्ज्वल किरण सेअर्श प्रखर भर … Read More

यह अपना नववर्ष | प्रतिभा इन्दु | Hindu Nav Vrsh Kavita

यह अपना नववर्ष | प्रतिभा इन्दु | Hindu Nav Vrsh Kavita हवा बसंती , कोयल गातीबैठ आम की डाली ,मादक महुए के सुगंध सेहुई दिशा मतवाली ,मधुमय मौसम बिखरा सौरभछाया … Read More

सारे पथ जब बंद न्याय का | प्रतिभा इन्दु

सारे पथ जब बंद न्याय का | प्रतिभा इन्दु सारे पथ जब बंद न्याय कारण अभिशाप नहीं है ,यहां रक्त की नदियां बहतीकोरा जाप नहीं है ,मत भूलो तुम नियत … Read More

आंसू भर रोए | प्रतिभा इन्दु | Hindi kavita

आंसू भर रोए | प्रतिभा इन्दु | hindi kavita आंसू भर रोए…………….. जितना ही खो कर पाया हैउतना ही पाकर खो डाला !दरवाजे पर हंस लेते हैंआंगन में आंसू भर … Read More

सदा सदा अभिनंदन है | रक्षाबंधन – प्रतिभा इन्दु

सदा सदा अभिनंदन है | रक्षाबंधन – प्रतिभा इन्दु सदा सदा अभिनंदन है ……………………… आज आरती थाल बहन ने भरकर प्यार सजाया है , मुदित और हर्षित है तन-मन राखी … Read More