सदा सदा अभिनंदन है | रक्षाबंधन – प्रतिभा इन्दु
सदा सदा अभिनंदन है | रक्षाबंधन – प्रतिभा इन्दु
सदा सदा अभिनंदन है
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आज आरती थाल बहन ने
भरकर प्यार सजाया है ,
मुदित और हर्षित है तन-मन
राखी का दिन आया है !
नैन बिछाए राह देखती
भाई मेरा आएगा ,
बड़े प्यार से फिर वो मुझसे
रोली तिलक लगायेगा ।
रेशम की डोरी है कच्ची
पर पक्का यह बंधन है ,
मेरे भैया इस रिश्ते का
सदा-सदा अभिनंदन है !
कदमों में हो बिछी सफलता
सुखी रहे सारा परिवार ,
मेरी उमर तुझे लग जाए
यही दुआ मांगूं हर बार !
भाई और बहन का रिश्ता
सब रिश्तों से पावन है ,
रक्षाबंधन पर्व कहें या
निर्झर झरता सावन है !
रक्षाबंधन
रेशम के धागों में बंधकर
स्नेह रंग ले आता है ।
सावन का ये पावन पर्व
रक्षाबंधन कहलाता है !
ये राखी अनमोल बहुत है
इसका कोई मोल नही ।
सोने – चाँदी , हीरे – मोती
से भी इसका तोल नही ,।।
राखी है बहुमूल्य सदा यह
पर्व हमें सिखलाता है ।
सावन का ये पावन पर्व
रक्षाबंधन कहलाता है !
जबतक धरती और गगन है
प्यार , सरसता रहे सदा ।
मेरा भइया सूरज बनकर
नित्य चमकता रहे सदा ,।।
मैं माथे रोली तिलक लगाऊँ
तू चाँद सा मुस्काता है ।
सावन का ये पावन पर्व
रक्षाबंधन कहलाता है ।
खुशबू सा तेरा यश बिखरे
जबतक यह अमराई है ।
शुभ अवसर पर तेरी बहना
यही कामना लाई है ।।
यह प्रतीक निःस्वार्थ प्रेम का
दिव्य – ज्योति बन जाता है ।
सावन का ये ;पावन पर्व
रक्षाबंधन कहलाता है !
अमर सृष्टि का अमर पर्व यह
रीति सनातन इसकी है ।
धन्य – धन्य सौभाग्य हमारा
सद् इच्छा यह मन की है ।
अमर रहे यह प्रेम हमेशा
उर – उपवन खिल जाता है।
सावन का ये पावन पर्व
रक्षाबंधन कहलाता है !
प्रतिभा इन्दु
भिवाड़ी ,राजस्थान
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