Ab Main Ro Raha Hoon | विमलकविता-अब मैं रो रहा हूं

Ab Main Ro Raha Hoon | विमलकविता-अब मैं रो रहा हूं / विमल अवस्थी 

ab-main-ro-raha-hoon

विमलकविता-अब मैं रो रहा हूं


करके उसको याद मैं आसूं बहा रहा हैं
सोचा था कुछ और निकला कुछ और
इसी सोच पर मैं
अपने आप से पछता रहा हूं
अब मैं रो रहा हूं

ऐसी मुलाकात जिंदगी भर की कसक
साथ लेकर चल रहा हूं
अपनी गलतियों की सज़ा पा रहा हूं
अब मैं रो रहा हूं…..

सोचा जान दे दो
पर मां के दिल का टुकड़ा हूं,

रोता हुआ मैं मां को नही देख सकता…
इसलिए जान देने से भी कतरा रहा हूं
तुझसे बिछड़कर ,
अपने आप में मारता जा रहा हूं
अब मैं रो रहा हूं

अब मैं सिर्फ जिंदा लाश हूं,
महफ़िल में हंसता हूं,छिप छिप कर रोता हूं
समझेगी तो मुझे एक दिन जरूर
मेरे हालातो को समझ कर
इसलिए मैं तुझे माफ़ी नामा लिख रहा हूं
अब भी मैं रो रहा हूं

कितना नादान हूं मैं
क्या बताऊं…
जिस नंबर को दूने दूर कर दिया अपने नंबरों से
उसी नंबर से रोज सॉरी भेज रहा हूं
तुझसे बात करने को तड़प रहा हूं..
अब मैं रो रहा हूं

एक दिन ऐसा आयेगा जब तू मेरे पास आयेगी
मेरे सपनों की दुनिया में ,तू आशियाना बनाएगी
और कहेगी…….
ए जी सुनते हो
इसी आस में जीता जा रहा हूं
अब भी मैं रो रहा हूं
अब भी मैं रो रहा हूं


ab-main-ro-raha-hoon
विमल अवस्थी

अन्य  रचना पढ़े :

आपको Ab Main Ro Raha Hoon – विमलकविता-अब मैं रो रहा हूं / विमल अवस्थी  की  रचना  कैसी लगी अपने सुझाव कमेन्ट बॉक्स मे अवश्य बताए अच्छी लगे तो फ़ेसबुक, ट्विटर, आदि सामाजिक मंचो पर शेयर करें इससे हमारी टीम का उत्साह बढ़ता है।

हिंदीरचनाकार (डिसक्लेमर) : लेखक या सम्पादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ सम्पादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। हिंदी रचनाकार में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं और हिंदीरचनाकार टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है।|आपकी रचनात्मकता को हिंदीरचनाकार देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए help@hindirachnakar.in सम्पर्क कर सकते है| whatsapp के माद्यम से रचना भेजने के लिए 91 94540 02444, ९६२१३१३६०९  संपर्क कर कर सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *