anaath bachche kee vedana/सीताराम चौहान पथिक

अनाथ बच्चे की वेदना 

(anaath bachche kee vedana)


सब बच्चों की मांऐ  है ,
करती लाड़ – दुलार ।
मैं अबोध जाऊं कहां ,
कौन  करेगा प्यार ॽ

पता नहीं माता – पिता ,
कहां बहन और भाई ॽ
फुट – पाथी जीवन मिला ,
ना दया किसी को आई ।

मुझको मां से मिला दो ,
हे —— मेरे भगवान ।
मां की गोद मिले मुझे ,
वर दो , —- कॄपा – निधान ।

मुझ जैसे है और भी ,
तरस रहे हैं — नाथ ।
कोई हमें भी गोद ले ,
ममता का रख हाथ ।

पढूं – लिखूं , बन जाऊं मैं ,
अच्छा इक इंसान ।
जो अनाथ भाई मेरे ,
रखूं उनका ध्यान ।

आज सभी संकल्प लें ,
हर अनाथ को गोद ।
चिथडो में हीरे छिपे ,
कल देंगे दिशा – प्रबोध ।

इनको चाहिए मातॄ – स्नेह ,
और समाज का प्यार ।
पौधा यह कुम्हलाए ना ,
पथिक – हम सब जिम्मेदार।

anaath- bachche -kee -vedana
सीताराम चौहान पथिक

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