bhool se na kisee ka bhee dil todiye/ममता सिंह

भूल से न किसी का भी दिल तोड़िये.

(bhool se na kisee ka bhee dil todiye)


जोड़ना    है   अगर टूटे दिल जोड़िये.
भूल से न किसी का भी दिल तोड़िये.

हम खिलायें मुहब्बत का एक गुलिस्ताँ.
जिसकी खूश्बू से महके धरा आसमां.
रब की नेमत है इससे न मुंह मोड़िये.
भूल से न किसी का भी दिल तोड़िये.

वो बुराई करे तुम भलाई करो.
कुछ बनो न बनो नेक इंसा बनो.
जीत होगी सच का ना पथ छोड़िये.
भूल से न किसी का भी दिल तोड़िये.

न किसी घर में नारी का अपमान हो.
सबको इज्जत मिले सबका सम्मान हो.
भेद छोटे बड़ो का मिटा डालिये.
भूल से न किसी का भी दिल तोड़िये.

प्रेम दोगे तभी प्रेम तुम पाओगे.
लेके आये थे क्या जो ले जाओगे.
प्यार की, ममता, मधुमय लहर छेड़िये.
भूल से न किसी का भी दिल तोड़िये.

bhool- se -na- kisee- ka- bhee- dil- todiye

ममता सिंह.
अमेठी

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