मेमने की व्यथा/अंजली शर्मा | memane kee vyatha
मेमने की व्यथा/अंजली शर्मा | memane kee vyatha
मेमने की व्यथा
“मेमने ने माँ से पूछा,
माँ कत्ल कैसे होता है
और बलि कैसे चढ़ाई जाती है।
मेमने के सवाल से माँ घबराई
मेमने का चेहरा देख सकपकाई,
मेमने से पूछा,
ये बात तेरे दिमाग में,
अचानक कैसे आई।
मेमना बोला,
माँ चंपू कह रहा था
उसका भाई पंपू
बलि चढ़ गया,
पिता का कुछ दिन पहले
कत्ल हो गया।
माँ बाजार में बेच दी गयी,
बहन किसी और के घर भेज दी गयी।
अब मैं अकेला हूँ,
मालिक के बच्चों का
इकलौता खिलौना हूँ।
कभी कान मरोड़ते हैं
कभी पूँछ घूमाते हैं,
कभी चारा देते हैं
कभी डंडा दिखाते हैं।
दिनभर सब मेरे आसपास होते हैं
रात किसी कोने में बाँध देते हैं।
मैं बहुत घबराता हूँ
डर जाता हूँ।
मेरा क्या होगा?
कत्ल होगा या फिर,
बलि चढ़ जाऊँगा,
किसी और के घर भेजेंगे
या बाजार में बिक जाऊँगा।
तुम बोलो न माँ,
चंपू का क्या होगा!
माँ बोली बेटा,
क्या फर्क पड़ता है क्या होगा,
बलि चढ़ा दी जायेगी
या कत्ल होगा।
कत्ल हुआ तो झटके से
गर्दन उड़ा दिया जायेगा,
बलि से पहले दाना खिलाकर,
गले में माला, माथे पर तिलक लगाया जायेगा।
पर, हर हाल में जान तो
हमें ही गँवानी है,
लोगों को तो दावत उड़ानी है।
रिश्तेदारों को न्यौता जायेगा
सिलबट्टा में मसाला पिसा जायेगा।
कहाँ किसी को व्यथा सुनायेंगे,
किसी बड़ी सी कड़ाही के
भेंट चढ़ जायेंगे।
माँ के आँखों में आँसू आ गये
मेमने के और करीब आकर बोली
बेटा तु मेरे पास है,
ये तो राम दुहाई है,
वरना बकरे की अम्मा,
कब तक खैर मनायी है।
![memane- kee- vyatha](https://hindirachnakar.com/wp-content/uploads/2020/12/memane-kee-vyatha-150x150.jpeg)
![memane- kee- vyatha](https://hindirachnakar.com/wp-content/uploads/2020/12/memane-kee-vyatha-150x150.jpeg)
बिलासपुर ( छत्तीसगढ़ )
अन्य रचना पढ़े :
आपको memane kee vyatha मेमने की व्यथा/अंजली शर्मा की हिंदी कविता कैसी लगी अपने सुझाव कमेन्ट बॉक्स मे अवश्य बताए अच्छी लगे तो फ़ेसबुक, ट्विटर, आदि सामाजिक मंचो पर शेयर करें इससे हमारी टीम का उत्साह बढ़ता है।
हमें विश्वास है कि हमारे लेखक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस वरिष्ठ सम्मानित लेखिका का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।लेखिका की बिना आज्ञा के रचना को पुनः प्रकाशित’ करना क़ानूनी अपराध है |आपकी रचनात्मकता को हिंदीरचनाकार देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए help@hindirachnakar.in सम्पर्क कर सकते है|whatsapp के माद्यम से रचना भेजने के लिए 91 94540 02444, संपर्क कर कर सकते है।