” एक बार फिर आओ राम” | आवाहन गीत | राजेन्द्र वर्मा “राज”

हे !इस जग के तारणहार, जन- जन का है तुम्हें प्रणाम।आकर पावन करो धरा को ,आलोकित कर दो हर धाम।।एक बार फिर आओ राम । राह तुम्हारी देख रही हैं … Read More

इल्ज़ाम | ग़ज़ल | राजेन्द्र वर्मा “राज”

यूँ बेवज़ह इल्ज़ाम लगाने के बाद भी ।वो खुश नही है मुझको रूलाने के बाद भी ।। रहते नहीं हैं याद कई लोग मिल के भी । कूछ भूलते नही … Read More

आओ जी करके देखें वतन के लिए / राजेन्द्र वर्मा’ राज’

  आओ जी करके देखें वतन के लिए जी लिए हम बहुत अपने -अपने लिए। आओ जी करके देखें वतन के लिए।। ये गुलाबों की सुर्ख़ी लहू उनका है। जान … Read More

Motivational Gazal on Corona Pandemic – राजेन्द्र वर्मा ‘ राज ‘

Motivational Gazal on Corona Pandemic मुश्किलें कुछ भले ही उड़ानों में हैं। मुश्किलें कुछ भले ही उड़ानों में हैं। पर मेरे हौसलें आसमानों में हैं।। तू मिटाकर मुझे इस क़दर … Read More

kuchh log khud ko maseeha banae phirate hain/ग़ज़ल

कुछ लोग ख़ुद को मसीहा बनाए फिरते हैं। (kuchh log khud ko maseeha banae phirate hain) कुछ लोग ख़ुद को मसीहा बनाए फिरते हैं। न जाने कौन सा क़िस्सा सुनाए … Read More