Shivratri poem in hindi-शिव – महिमा

Shivratri poem in hindi: महाशिवरात्रि  हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है , १२ शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण है इसी दिन माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ था इसी पर्व को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान  पथिक की  स्वरचित  रचना शिव महिमा पाठको को समर्पित की है।

शिव – महिमा

(shivaji poem in hindi )


शम्भु स्वयंभु अनादि शिवा ,
शंकर  प्रलयंकर – शक्ति शिवा।
हे नील – कण्ठ विषधर – ग्रीवा
हे आशुतोष — वर देहु शिवा ।

दे शक्ति – सदा शुभ कर्म करूं
भारत- भू बंधन  – मुक्त करूं।
हे जटा – जूट गंगा — धारी ,
कर कॄपा , राष्ट्र हित जूझ मरूं ।
हे कण्ठ- हलाहल नील शुभे ,
भॄकुटी -भाल नव चंद्र  शुभे ।
शुभ कर्म करूं, नहीं कभी डरूं ,
सर्वस्व समर्पित करूं तुझे ।

नटराज, त्रिनेत्र उन्मेष करो ,
अन्याय अधर्म अविवेक हरो।
मैं रौद्र बनूं खल – नायक को ,
मुझमें- शिवांश संचरण करो।

बम-बम- बम भोले विश्वनाथ,
नैया अटकी है- मध्य धार ।
त्रिशूल उठाओ — आशुतोष ,
भव बंधन पथिक-लगाओ पार ।।

Shivratri- poem - hindi
सीताराम चौहान पथिक

अन्य रचना पढ़े :

आपको Shivratri poem in hindi/शिव – महिमा सीताराम चौहान पथिक  की स्वरचित रचना कैसी लगी अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *