छप्पय छंद और गंगोदक सवैया/बाबा कल्पनेश
छप्पय छंद और गंगोदक सवैया 1 . छप्पय छंद करना यदि सत्संग,चले देवरी तक आएं। शिव का पावन धाम,करें दर्शन हरषाएं।। संत रसमयानंद,किया करते शिव पूजन। वेद मंत्र का गान,हिया … Read More
छप्पय छंद और गंगोदक सवैया 1 . छप्पय छंद करना यदि सत्संग,चले देवरी तक आएं। शिव का पावन धाम,करें दर्शन हरषाएं।। संत रसमयानंद,किया करते शिव पूजन। वेद मंत्र का गान,हिया … Read More
मत्तगयन्द सवैया (Mattagayand Savaiya) प्रात जगे रवि पूरब में उससे पहले निज आसन त्यागें। ले हरि नाम प्रणाम करें करुणाकर से करुणा नित माँगें।। हे प्रभु दीन दयाल हमें निज … Read More
आज आया प्रभो आप के पास हूँ (Hindi Geet Aaj aaya prabho aap ke paas hoon) आधार छंद -स्रग्विणी विधान-212 212 212 212 आज आया प्रभो आप के पास हूँ। … Read More
हरिगीतिका छंद विधान- 2212 2212 2,212 2212 पीपल हो साधना सब सफल जग की,आप पीपल तरु गहें। हैं देवता जितने सभी वे,एक इस आश्रय रहें।। तरु डाल इसके पात जितने,देवता … Read More