Awadhi poetry on Gram pradhan chunav

सजन, अबकी हमहूँ  लड़ब परधानी। (Awadhi poetry on Gram pradhan chunav) मिला नाहीं सुखु बीती आधी जिन्दगानी सजन,     अबकी   हमहूँ  लड़ब परधानी।   आजुइ अखबारन मइहाँ है समाचार यहु … Read More

Awadhi kavya-वह तौ सब आजु सपन होइगा/ इन्द्रेश भदौरिया

Awadhi kavya   वह तौ सब आजु सपन होइगा       रिसियाउरि दाली का दुलहा  अब कहूँ पनेथी बनत नहीं। दलभरिया पूरी बनत नहीं  दलभरी कचउरी बनत नहीं। अब … Read More

Poet indresh bhadoriya poems in awadhi

  poet indresh bhadoriya poems in awadhi बाकी हम काम बनाय ल्याब बसि बीस बराती लै आयो,  बाकी हम काम बनाय ल्याब।    है अबै कोरोना समय चलत, आदेस भवा सरकारी … Read More