पोषक रक्षाबंधन है /हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’
पोषक रक्षाबंधन है /हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ पोषक रक्षाबंधन है भाई-बहन के अमर प्रेम का, पोषक रक्षाबंधन है , धन्य देश की पावन माटी, कण-कण जिसका चन्दन है।। रेशम के दो … Read More
पोषक रक्षाबंधन है /हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ पोषक रक्षाबंधन है भाई-बहन के अमर प्रेम का, पोषक रक्षाबंधन है , धन्य देश की पावन माटी, कण-कण जिसका चन्दन है।। रेशम के दो … Read More
अन्तर्स्वप्न | ‘फुलवारी’ पर एक बाल गीत / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ अन्तर्स्वप्न सुनहरी भोर की बेला , धरा का रूप अलबेला। लगे हैं पंख सपनों को सुहाना स्नेह का मेला … Read More
भज ले तू श्री राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ रचना हिंदी रचनाकार पाठको के समक्ष प्रस्तुत है , रचना में लेखक का सन्देश है जब मनुष्य को जन्म प्राप्त हुआ … Read More
बहती जैसे गंग-धार हो/हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ बहती जैसे गंग-धार हो। मॉ तू पावन निर्मल कल-कल, बहती जैसे गंग-धार हो। सर्वश्रेष्ठ कृति ,सृष्टि धरोहर, उर-उपवन की मधु बहार हो। उच्छ्वासों में … Read More
Poem on oxygen crisis – प्राणवायु पर कविता / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ प्राणवायु के लिए तड़पती , सहमीं दुनिया सारी है । भरत-भूमि पर अद्भुत संकट , यह अद्भुत महामारी … Read More
Corona Se bachaav par kavita कोरोना से बचाव पर कविता मास्क लगाकर,दूरी रखिये , चाहो यदि निज खैर । अनदेखी न करना मेरा – नहीं किसी से बैर ।।1।। स्वस्थ … Read More
Poem on hindu new year विश्व व्यापी महामारी कोरोना से भयभीत जगत को, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2078 की, निम्नांकित रचना के माध्यम से … Read More
होली पर लिखी कविता | Holi kavita poem 2021 पावन होली के सुअवसर पर, ढेरों शुभ कामनाओं के साथ, होली से सम्बंधित कुछ भाव सुमन सस्नेह समीक्षार्थ निम्नवत् प्रस्तुत हैं:– … Read More