स्वागत | सम्पूर्णानंद मिश्र
स्वागत | सम्पूर्णानंद मिश्र पूरा देशखड़ा हैनववर्ष के स्वागत में दरअसलअतीत के घावजो हमारी देह पर थे कुछ सूख चुके हैंकुछ सूख रहे हैंऐसे मेंकड़वी स्मृतियों के कांटेंउस घाव कोफिर … Read More
स्वागत | सम्पूर्णानंद मिश्र पूरा देशखड़ा हैनववर्ष के स्वागत में दरअसलअतीत के घावजो हमारी देह पर थे कुछ सूख चुके हैंकुछ सूख रहे हैंऐसे मेंकड़वी स्मृतियों के कांटेंउस घाव कोफिर … Read More
नया साल आ रहा है | सम्पूर्णानंद मिश्र | Naye Saal Par Kavita 2023 अपनी आत्मा परकितनी नृशंसघटनाओं का बोझलादेदिसंबर माह जा रहा है लूट-पाट,हत्या, बलात्कारजैसेजघन्य पाप का साक्षीभले ही … Read More
सियासत में कयादत बोलती है | आशा शैली सियासत में कयादत बोलती हैमगर सिर चढ़के दौलत बोलती है जवां कुर्बान होते हैं वतन परकि सीमाओं पे हिम्मत बोलती है अदब … Read More
कमरे की आवाज़ | सम्पूर्णानंद मिश्र संदेश देती हैघड़ीवक्त की धारा में डुबकी लगाओ संदेश देता है पंखादिमाग ठंडा रखो न बहाओ क्रोध का पसीना अनावश्यक छत कहता हैबड़ा सोचो … Read More
कितनी बार टूटता है | सम्पूर्णानंद मिश्र बूढ़ेमां -बाप की रोशनी होती हैंउनकी संतानें पूरी ज़िंदगीअपनी आंखोंकी रोशनी बेचकर संतानों कीख़्वाहिशों के आंगनमें उनके सपनों काजो पूर्ण चांद खिलाता हैवह … Read More
वह मात्र एक छलावा है वैसे तोसुख की कोईपरिभाषा निश्चित नहीं है लेकिनअच्छी अनुभूति सुख का आधार हैऔर बुरी दु:ख का महात्मा बुद्ध ने कहाजीवन में दुःख ही दु:ख हैऔर … Read More
मेरे घर के भीतर आकरतुमने क्या से क्या कर डाला ,पहले था मेरा मन , मन साअब लगता है एक शिवाला ! सुबह – शाम घंटा , मन्त्रों सेध्वनि का … Read More
पुनर्पाठ कलझुंड में कई कुत्ते दिखेमुझे सड़क परभौंक रहे थे सब आपस में एकदूसरे को काट रहे थे देखते ही दौड़ेझुंड के कुत्ते सभी मेरी तरफ़ किसी तरह भागते- भागतेजान … Read More
कटघरे में अदालत के अपशकुनमानी जाती हैंस्त्रियांअगर वैधव्यका काला धब्बाउनके माथे पर हो चूड़ियां तकतोड़वा दी जाती हैंदूर बैठायी जाती हैंधार्मिक और शुभक्रिया कर्मों के अवसर पर अपमान और जलालतकी … Read More
कितनी बार अब मुझे मत मारो राम!एक अपराध की सजाकितनी बार मैं अपराधी थामाना कि सीता कामिलनी चाहिए सजा मुझेलेकिनराम कितनी बार हर बार मैं मर रहा हूंघुट-घुटकर जी रहा … Read More
श्रीमान् आर.पी. सिंह (आई.ए.एस.) आयुक्त चित्रकूट धाम मण्डल बांदा (उ.प्र.) के निवृत्तमान होने पर नागरिक अभिनंदन भाव सुमन दिनांक 30 सितंबर 2023. विदाई लो श्रीमन् साभार आपका सरल मधुर व्यवहार। … Read More
अपने हिस्से का आकाश ढोता हूं पूरी शिद्दत सेअपने हिस्से का आकाशताकिझरबेरी का पेड़उग सके मेरे आंगन में औरजिसका फलदे सके थोड़ी सी मुस्कान मेरे ओठों परताकि अब मुझे गिरवी … Read More
धूमिल याद आ गए! मेरे समीपस्थ गांव केमेरे प्रिय कवि धूमिल यादआ गए आज याद आना लाजिमी थाक्योंकि पूरे देश ने उठाया थाएक तारीख़ कोएक घंटे श्रमदान करने की ज़िम्मेदारी … Read More
सारा शहर मोहब्बत में बीमार था। हर किसी को किसी का इंतजार था। किसी की आंखों में चाहत तो किसी के होठों पे इज़हार था। एक हम ही अकेले थे … Read More
देखो आज हमारी हिन्दी भारत है सिरमौर विश्व का,सुन्दर भाल लगाये बिन्दी,यू एन ओ में गूंज रही है,देखो आज हमारी हिन्दी ।टेक। तुलसी ,सूर,कबीरा हिन्दी,सबसे कहती पीरा हिन्दी।नानक,रसखान,बिहारी व-श्याम दिवानी … Read More