Preeti Chitran Garg – Yaatra Diary /कवि भारमल गर्ग सांचौर
Preeti Chitran Garg – Yaatra Diary मौन धारण कर वचन मेरे मौन धारण कर वचन मेरे, लज्जा आए प्रीत मेरे । मगन प्रेम सांसे सत्य ही है, शब्द अनुराग है … Read More
Preeti Chitran Garg – Yaatra Diary मौन धारण कर वचन मेरे मौन धारण कर वचन मेरे, लज्जा आए प्रीत मेरे । मगन प्रेम सांसे सत्य ही है, शब्द अनुराग है … Read More
Main aur Meree Tanhaee : आनन्द कुमार “आनन्दम्” की रचना मैं और मेरी तन्हाई में लेखक ने अपने भाव अपनी कविता में प्रस्तुत किया है – मैं और मेरी तन्हाई! … Read More
Gauriya diwas par kavita: प्रति वर्ष २० मार्च को पूरा संसार विश्व गौरैया दिवस मनाता है जो पक्षियों के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य … Read More
पुस्तक समीक्षा साक्षी है समय/हूबनाथ, प्राध्यापक साक्षी है समय पुस्तक समीक्षा कविता पीड़ा, यातना, ताप, शाप से सिर्फ़ राहत ही नहीं होने देती, सोए हुए ज़मीर को, विवेक को, आक्रोश … Read More
छप्पय छंद और गंगोदक सवैया 1 . छप्पय छंद करना यदि सत्संग,चले देवरी तक आएं। शिव का पावन धाम,करें दर्शन हरषाएं।। संत रसमयानंद,किया करते शिव पूजन। वेद मंत्र का गान,हिया … Read More
छात्र की वेदना (बाल कविता ) Baal kavita chhaatr kee vedana बस्ते भारी हो गये , कोई तनिक उठाए । शिक्षा के अधिकारियों , कुछ तो करो उपाय । पीने … Read More
चरित्र (Charitra Nirman Par kavita) व्यापक शब्द,चरित्र वैविध्य गुणों को लेकर अपने पेट में न जाने कितने कालखंड से आंधी की मार सहते हुए चला आ रहा है लोगों की … Read More
With nida fazli-निदा फाज़ली के साथ/आशा शैली किसी ने बताया, आज निदा फाज़ली का जन्मदिन है। मुझे कपूरथला के मुशायरे के वे दो दिन याद आ गए । सन् तो याद नहीं पर उन दिनों … Read More
जोगिन ऊर्मिला । (Jogin Urmila) मैं कैसे कहती — आर्य , मुझे संग ले लो । अपनी पीड़ाएं – क्लेश , मुझे तुम दे दो … Read More
यह लोग (Hindi kavita Yah log) ताकता हूं रंगीन सितारों को जमीन पर । फिर आसमान क्यों बताते हैं यह लोग ।। मोहब्बत मुकमल नही होती गर्ग । फिर क्यों … Read More
मत्तगयन्द सवैया (Mattagayand Savaiya) प्रात जगे रवि पूरब में उससे पहले निज आसन त्यागें। ले हरि नाम प्रणाम करें करुणाकर से करुणा नित माँगें।। हे प्रभु दीन दयाल हमें निज … Read More
नारी की पीडा (Woman pain) सम्पूर्ण जगत है ऋणी हमारा फिर भी मोल चुकाते हम , खुद तो मरते रहते हैं और जीना भी सिखलाते हम !! हर पल … Read More
रंग बरसा (Holi par kavita-Holi Kavita poem) रंग बरसा मेरे आंगना में उतर भावजो का गुलाबी सा मन हो गया। गिर गई फिर वो दीवार जो थी खड़ी, मेरा आंगन … Read More
जीवन परिचय नाम : पवन शर्मा परमार्थी कवि, लेखक, समीक्षक, ज्योतिष मर्मज्ञ एवं समाज सेवी । पिता : स्व. श्री राजेश शर्मा उर्फ़ राजे लाल । माता : श्रीमती प्रेमवती … Read More
मृत्यु की हे अप्सरा (Mrtyu kee he apsara) मॄत्यु की हे अप्सरा , आना पथिक के पास । हॄदय में श्री राम हो , सर्वत्र उनका वास । मॄत्यु की—— … Read More